नई दिल्ली: भारत-रूस सैन्य और सैन्य-तकनीकी सहयोग से संबंधित अंतर सरकारी आयोग (आईआरआईजीसी-एमएंडएमटीसी) के तहत सैन्य सहयोग पर कार्य समूह की चौथी बैठक रूस के मॉस्को में सफलतापूर्वक संपन्न हुई। यह बैठक दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी को और सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण साबित हुई है।
बैठक की सह-अध्यक्षता भारत के एकीकृत रक्षा स्टाफ के प्रमुख, लेफ्टिनेंट जनरल जेपी मैथ्यू और रूसी सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ के मुख्य परिचालन निदेशालय के उप-प्रमुख, लेफ्टिनेंट जनरल डाइलेव्स्की इगोर निकोलाविच ने की। इस बैठक में दोनों पक्षों ने साझा रणनीतिक हितों के क्षेत्र में ज्ञान-साझाकरण और सहयोग को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया। साथ ही, दोनों सेनाओं के बीच परिचालन तालमेल को बेहतर बनाने के लिए संयुक्त सैन्य अभ्यासों के विस्तार पर भी सहमति बनी।
अब तक भारत और रूस के बीच सतह, हवाई और समुद्री क्षेत्रों में कई सफल संयुक्त अभ्यास हो चुके हैं, जिनमें प्रमुख रूप से ‘इंद्र’, ‘एविया इंद्र’ और ‘इंद्र नेवी’ जैसे अभ्यास शामिल हैं। इन अभ्यासों ने न केवल सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने का अवसर प्रदान किया, बल्कि संयुक्त रणनीतियों और प्रक्रियाओं में सुधार लाने के लिए भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।
भारत-रूस सामरिक साझेदारी का इतिहास 2000 में किए गए एक घोषणापत्र से जुड़ा हुआ है, जिसे 2010 में विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त सामरिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाया गया। यह कार्य समूह भारत-रूस रक्षा सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है, जो वर्तमान सैन्य संलग्नताओं का आकलन करने और उभरती सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए नए क्षेत्रों की पहचान करने का अवसर प्रदान करता है।